शोएब अख्तर ने दानिश कनेरिया पर कुछ दिनों पहले दिए अपने बयान को दोहराया है। हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने सफाई भी देने की कोशिश की है। एक नए वीडियो में शोएब ने कहा- मेरे बयान पर अलग-अलग तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। पाकिस्तान ने कभी भी नस्लवाद को बढ़ावा नहीं दिया। एक-दो प्लेयर हर टीम में ऐसे होते हैं जो इस तरह की बातों में लिप्त रहते हैं। उस वक्त भी ऐसा हुआ था। लेकिन, मैंने जो कहा वो सच था। बता दें कि अख्तर ने कुछ दिन पहले कहा था कि दानिश कनेरिया हिंदू होने की वजह से नाइंसाफी का शिकार हुए। कुछ प्लेयर तो इसके साथ खाना भी नहीं खाना चाहते थे।
पाकिस्तान कट्टरपंथ से पीड़ित
शोएब के बयान पर सिर्फ पाकिस्तान ही नहीं बल्कि भारत में भी कड़ी प्रतिक्रिया और सियासत हुई। अब शोएब ने चुप्पी तोड़ी है। एक नए वीडियो में उन्होंने सफाई भी दी और अपनी बात को दोहराया भी। कहा, “मैंने दानिश पर एक बयान दिया था। इस पर काफी बातें हो रही हैं। मैं भी देख रहा था कि लोग इस इश्यू को क्या से क्या बना रहे हैं। मैंने यही कहा था कि कुछ खिलाड़ी दानिश के साथ सहज नहीं थे। लेकिन, पूरी टीम के साथ ऐसा नहीं था। एक-दो प्लेयर हर टीम में ऐसे होते हैं जो नस्लवादी टिप्पणी कर देते हैं। मैंने इन लोगों से सख्ती से निपटा। उनसे कहा कि मैं तुम्हें उठाकर बाहर फेंक दूंगा। एक और खिलाड़ी ने मेरा समर्थन किया था। पाकिस्तान कट्टरपंथ का शिकार रहा है।”
अब सफाई दे रहे शोएब
शोएब ने अपने बचाव में कई तर्क और इनमें सियासत को भी शामिल कर लिया। कहा, “ये बात 15 साल पुरानी है और अब वक्त बदल चुका है। ये 1920 नहीं बल्कि 2020 है। हम तो हर मजहब का मान-सम्मान करते हैं। इसलिए, मेरी बात को मजहबी रंग न दें। न ही इस पर सियासत करने की जरूरत है। हमारे प्रधानमंत्री इमरान खान ने करतारपुर कॉरिडोर खोला। यहां कटासराज और शिव मंदिर हैं। मैंने भी इनका वीडियो बनाया। नस्लवाद का शिकार मुस्लिम ही ज्यादा होते हैं। बहरहाल, मैंने जो कहा था। वो बिल्कुल सच कहा था। अगर कोई सोच रहा है कि मैं उससे पीछे हटूंगा तो ऐसा बिल्कुल नहीं है। न मैं पीछे हटने वाला इंसान हूं।”